[Kausalya insists on Rama to take her along with him to the forest --Rama tells her that service to one's husband is the supreme virtue--Kauslaya allows Rama to proceed.]
तं समीक्ष्य त्ववहितं पितुर्निर्देश पालने।
कौशल्या बाष्पसंरुद्धा वचो धर्मिष्ठमब्रवीत्।।2.24.1।।
तं समीक्ष्य त्ववहितं पितुर्निर्देश पालने।
कौशल्या बाष्पसंरुद्धा वचो धर्मिष्ठमब्रवीत्।।2.24.1।।