[Rama consents to take Sita to the forest--instructs her to distribute their precious possessions on the eve of their departure]
सान्त्व्यमाना तु रामेण मैथिली जनकात्मजा।
वनवासनिमित्ताय भर्तारमिदमब्रवीत्।।2.30.1।।
सान्त्व्यमाना तु रामेण मैथिली जनकात्मजा।
वनवासनिमित्ताय भर्तारमिदमब्रवीत्।।2.30.1।।