[Bharata's joy on locating the hermitage of Sri Rama.]
निवेश्य सेनां तु विभुः पद्भ्यां पादवतां वरः।
अभिगन्तुं स काकुत्थ्समियेष गुरुवर्तकम्।।2.98.1।।
निवेश्य सेनां तु विभुः पद्भ्यां पादवतां वरः।
अभिगन्तुं स काकुत्थ्समियेष गुरुवर्तकम्।।2.98.1।।
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