[ Agastya extends hospitality to Rama, Lakshmana and Sita -- Rama receives the divine bow, many other weapons and missiles from Agastya.]
सप्रविश्याऽश्रमपदं लक्ष्मणो राघवानुजः।
अगस्त्यशिष्यमासाद्य वाक्यमेतदुवाच ह।।3.12.1।।
सप्रविश्याऽश्रमपदं लक्ष्मणो राघवानुजः।
अगस्त्यशिष्यमासाद्य वाक्यमेतदुवाच ह।।3.12.1।।