[The sage consoles Sampati -- Nishakara speaks about Rama coming to destroy the demons and their king Ravana.]
एवमुक्ता मुनिश्रेष्ठ मरुदं दुःखितो भृशं।
अथ ध्यात्वा मुहूर्तं तु भगवानिदमब्रवीत्।।4.62.1।।
एवमुक्ता मुनिश्रेष्ठ मरुदं दुःखितो भृशं।
अथ ध्यात्वा मुहूर्तं तु भगवानिदमब्रवीत्।।4.62.1।।