[Rama describes to Sita his efforts to succeed with a valiant friend and tells her in a discomforting manner to go wherever.]
तांतुपाश्वस्थितांप्रह्वांरामस्सम्प्रेक्ष्यमैथिलीम् ।
हृदयान्तर्गतंक्रोधव्याहर्तुमुपचक्रमे ।।6.118.1।।
तांतुपाश्वस्थितांप्रह्वांरामस्सम्प्रेक्ष्यमैथिलीम् ।
हृदयान्तर्गतंक्रोधव्याहर्तुमुपचक्रमे ।।6.118.1।।